Monday, February 11, 2008

ऑंखें मीली तोह....

जब वक़्त ने हम दोनों के रास्ते अलग कर दीये तोह ना चाहते हुए भी सामना हो ही गया

उस समय तुम कीसी और के जीनदगी के मोहताज थे तोह हम कीसी और के,

उस समय मानो ऐसा लगा जैसे बीता वक़्त हम दोनों के बीच का आइना बन बैठा हो

बीते बातों को भूलाकर और उस आइय्ने को नज़रंदाज़ करते हुए यह पैर आगे चल पड़ा और आखीरकर सामना हो ही गया ,

ऑंखें मीली तोह जैसे दील रुख ही गया और दुनीया को भूलकर, आज को भूलकर ,बस यह ऑंखें तुमपे टीकी हुई थी ,

उन आँखों को पड़कर मैंने जाना की प्यार जो हम दोनों के बीच था वो अभी भी उन आँखों में है कीन्तु वक़्त के अंधेरो ने हम

जपेत् कर उस जगह ला खडा कर दीया की रास्ते अलग हो गए और प्यार जो दुनीया के सामने था वोह दील में ही रह गया

5 comments:

Comfortably Numb said...

keep it up!
cheers!

Viraj said...

ya tht pic is right for d occasion :D

Adijo said...

Great write-up! Keep it up man! and keep posting...

Adijo...

Comfortably Numb said...

i said it!
this is nice!

संजय said...

nice epoem